झारखंड. झारखंड के करीब 13 लाख लाभुकों को पिछले दो महीने से टेक होम राशन बंद है कुछ जिलों में तो तीन चार महीने से इसकी आपूर्ति नहीं हो रही है क्योंकि पुराने आपूर्ति करता का अनुबंध खत्म हो गया और नया टेंडर हुआ नहीं हालांकि नियम है कि पुराने आपूर्तिकर्ता को तीन-तीन माह का कर अवधि विस्तार दिया जा सकता है पर 3 माह के एक अवधि विस्तार के बाद या पूर्ति करता को वर्क आर्डर देना बंद कर दिया गया यह स्थिति तब है जब राज्य के 24 में से 17 जिलों में कुपोषण की गंभीर स्थिति है.
राज्य में कुपोषण दूर करने के लिए गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं, अच्छा माह से 3 साल तक के बच्चों को टेक होम राशन दिया जाता है इस योजना का लाभ लेने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या 1665 है धात्री महिलाओं की संख्या 17997 और 6 माह से 3 साल तक के बच्चों की संख्या 10 लाख 50356 है. झारखंड मैं अनैमिया, बौनापन और कम वजन आज भी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है इसके बावजूद आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को भी कई महीनो से पोषाहार के रूप में ठीक हो राशन नहीं मिल रहा है. बच्चों और महिलाओं की स्थिति पर काम कर रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता ने इस दुर्भाग्यपूर्ण बताया है सबसे खराब स्थिति तो उन विशेष कुपोषित बच्चों की है जिन्हें अतिरिक्त पोषाहार के रूप में अभी कुछ भी नहीं मिल रहा है
टेक होम राशन में क्या-क्या मिलता है
टेक होम राशन में फोर्टीफाइड होता है. लाभार्थियों को दाल मूंगफली गुड़ और स्थानीय अनाज जैसे पौष्टिक तत्वों से बने पैकेट दिए जाते हैं या राशन गर्भवती महिलाओं स्तनपान करने वाली माता और छोटे बच्चों को पोषण देने के लिए दिए जाते ताकि उनका कुपोषण दूर हो सके. इसका उद्देश्य बच्चों गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना है या सुखा राशन के रूप में दिया जाता है ताकि लाभार्थी है एक घर ले जाकर खा सके और पोषण प्राप्त कर सके.
