गिरिडीह. हेमंत सोरेन की सरकार प्रवासी मजदूर की सहायता और सुरक्षा के लिए एक बड़ी पहल शुरू करने जा रही है. अक्सर मजदूरी के सिलसिले में बाहर जाने के बाद मजदूर मुश्किल हालात में फंस जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए श्रम विभाग ने सात प्रमुख राज्यों के 8 शहरों में प्रवासी सहायता केंद्र खोलने प्रस्ताव तैयार किया है. यह केंद्र तमिलनाडू के तिरुपुर और चेन्नई, महाराष्ट्र के पुणे, कर्नाटक के बंगलुरू, तेलंगाना के हैदराबाद, गुजरात के अहमदाबाद, राजस्थान के निबराना और दिल्ली में स्थापित किये जाने की योजना है. इन केंद्रों का काम दूसरे राज्यों में फंसे झारखंडी मजदूरों की तुरंत मदद करना, प्रशासन से समन्वय स्थापित करना और उनकी सुरक्षा करना होगा. यह योजना प्राधिकृत समिति को मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है और बजट में इसके लिए राशि भी निर्धारित कर दी गयी है. केंद्रों का संचालन निजी एजेंसियों को सौंपा जायेगा और इसके साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जायेगा जिससे मजदूर जरूरत पड़ने पर मदद मांग सकेंगे. इससे झारखंड के प्रवासी मजदूर को वास्तविक राहत मिल सकेगी.
