गिरिडीह. अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन यात्रा समापन कार्यक्रम में असम के डिप्टी स्पीकर डॉ नुमान मोमिन और अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने अभाविप के छात्र नेता उज्जवल तिवारी को असम के पारंपरिक टोपी और शॉल देकर सम्मानित किया. इस दौरान उज्जवल तिवारी ने बताया कि 15 दिन तक चलने वाले अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन यात्रा सह राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा में पूरे देशभर से 70 प्रतिनिधि भाग लिए थे जिसमें से सात ग्रुप में बांटकर प्रतिनिधि को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया. इस दौरान मुफलॉन्ग ग्रुप को नागालैंड और मणिपुर का दौरा करवाया गया. इस दौरान दोनों राज्यों के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं पर्यटक स्थलों और भारत वर्मा बॉर्डर सहित कई स्थानों पर जाना हुआ. सबसे मुख्य बात है कि जब भी यात्रा जहां गए, वहीं के स्थानीय परिवारों में रुक कर स्थानीय कल्चर को जाना. साथ ही स्थानीय नेताओं से मिलकर पूर्वोत्तर की विकास पर भी चर्चा हुआ. पूर्वोत्तर के बारे में जिस प्रकार नॉरेटिव चलाई जाती है, वह बिल्कुल गलत है. पूर्वोत्तर भारत अपने लुभावने परिदृश्यों, विविध वन्य जीवन और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है. यह क्षेत्र पर्यटन के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र है, जो आगंतुकों को अद्वितीय सांस्कृतिक और प्राकृतिक अनुभव प्रदान करता है. अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा की शुरुआत 1966 में किया गया है. इस यात्रा का उद्देश्य दूर दराज सीमावर्ती क्षेत्र के बीच भावनात्मक एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतर राज्य जीवन दर्शन के नाम से एक अभिनव प्रकल्प प्रारंभ किया. साथ ही जीवन के विविधताओं में निहित जीवन शैलियों की एकता विशेष रूप से सीमावर्ती प्रदेश के लोगों और देश के अन्य भाव प्रदेश में रहने वाले लोगों की भावनात्मक और संस्कृति एकता को निरूपित करना, दूरस्थ इलाकों एवं वहां रहने वाले लोगों के संदर्भ में एक अपूर्व जागरूकता और अपनेपन की भावना को जगाना, संस्कृति सौहार्द की भावना को मजबूत करना इन क्षेत्रों के युवाओं को विभिन्न स्तर पर अवसर उपलब्ध कराना ताकि वह अपने देश की विविधता में भी एकता का अनुभव कर सके.
