गिरिडीह. जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह की ओर से सदर अस्पताल गिरिडीह में एचआईवी एड्स रोकथाम एवं नियंत्रण एक्ट 2014 -सह- कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं द्वारा यह बताया गया कि वर्ष 1988 के बाद हर वर्ष 1 दिसंबर को एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से जोड़कर देखा जाता था, परंतु बाद में पता चला कि एचआईवी की संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. वर्ष 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार प्रसार का काम संभालते हुए 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार रोकथाम और शिक्षा का कार्य शुरू किया. भारत सरकार के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के अनुसार दुनिया भर के लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना जरूरी है इसी उद्देश्य से हर साल विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. एचआईवी के संक्रमण संक्रमित लोगों के लिए सपोर्ट दिखाने और एड्स रोगियों को साहस देने के लिए इसे एक विशेष थीम भी दिया जाता है. कार्यक्रम में एलएडीसीएस के फैयाज अहमद एवं रविकांत शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किये. इस कार्यक्रम में सदर अस्पताल की ओर से डॉ रचना शर्मा, डॉ रेखा झा ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम को सफल बनाने में पीएलबी दिलीप कुमार, रंजना सिन्हा, मो. वारिस की भूमिका सराहनीय रही.
