वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि देश की आत्मा, स्वाभिमान और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा का प्रतीक : रामनिवास

गिरिडीह

गिरिडीह. राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में डीसी रामनिवास यादव की उपस्थिति में सामूहिक गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उक्त कार्यक्रम में डीडीसी, अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला नजारत उप समाहर्ता समेत सभी कार्यालय प्रधान,अधिकारी व कर्मचारी ने भाग लिया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशभक्ति की भावना और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका का जश्न मनाना था. डीसी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर समस्त जिलेवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं. मातृभूमि के प्रति समर्पण, त्याग और राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने वाला यह अमर गीत युगों-युगों तक हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा. आज बड़े ही गर्व की बात है कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. इस अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय, अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय समेत सभी अन्य कार्यालयों में सामूहिक गायन का आयोजन किया गया और देशभक्ति की भावना और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को याद किया गया. डीसी ने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि देश की आत्मा, स्वाभिमान और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य नई पीढ़ी में देशभक्ति और सांस्कृतिक मूल्यों को और मजबूत बनाना है.

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